लक्ष्मी माता की आरती विशेष रूप से दीपावली (दिवाली) के दिन, "लक्ष्मी मैया की आरती" की जाती है, इस दिन रात को दीप जलाकर और आरती करके घर में सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।
हिन्दू धर्म में शुक्रवार का दिन विशेष रूप से लक्ष्मी जी को समर्पित है इस दिन भक्त विशेष रूप से लक्ष्मी जी की पूजा और आरती करते हैं ताकि वे धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति कर सकें। आइए पढ़ते हैं "ओम जय लक्ष्मी माता" लक्ष्मी जी की आरती लिखित रूप में
श्री लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निस दिन सेवत, मैया जी को निस दिन सेवत,
हरि विष्णु विधाता, ।। ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता, मैया तुम ही जग माता । सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ।।
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपति दाता, मैया सुख संपति दाता । जो कोई तुमको ध्यावत, जो कोई तुमको ध्यावत, रिद्धि सिद्धि धन पाता।।
।। ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता, मैया तुम ही शुभ दाता ।
कर्म प्रभाव प्रकाशनी, कर्म प्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता ।। ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
जिस घर में तुम रहती, तह सद्गुण आता, मैया तह सद्गुण आता । सब संभव हो जाता, सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता, ।।
।। ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता, मैया वस्त्र न कोई पाता।
खान पान का वैभव, खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ।। ।।ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता, मैया क्षीरोदधि जाता । रत्न चतुर्दश तुम बिन, रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।। ।।ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
श्री महालक्ष्मी की आरती, जो कोई जन गाता, मैया जो कोई जन गाता ।
उर आनंद समाता, उर आनंद समाता, पाप उतर जाता ।।
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निस दिन सेवत, तुमको निस दिन सेवत, हरि विष्णु विधाता, ।।
।। ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
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