मनिहारी का भेष बनाया लिरिक्स

मनिहारी का भेष बनाया श्याम चूड़ी बेचने आया,
छलिया का भेष बनाया श्याम चूड़ी बेचने आया,

झोली कंधे धरी उसमें चूड़ी भरी,
झोली कंधे धरी उसमें चूड़ी भरी,
गलियों में शोर मचाया श्याम चूड़ी बेचने आया,
छलिया का भेष बनाया श्याम चूड़ी बेचने आया,

राधा ने सुनी ललिता से कही,
राधा ने सुनी ललिता से कही,
मोहन को तुरत बुलाया श्याम चूड़ी बेचने आया,
छलिया का भेष बनाया श्याम चूड़ी बेचने आया,

चूड़ी लाल नही पहनूं चूड़ी हरी नही पहनूं,
चूड़ी लाल नही पहनूं चूड़ी हरी नही पहनूं,
मुझे श्याम रंग है भाया श्याम चूड़ी बेचने आया,
छलिया का भेष बनाया श्याम चूड़ी बेचने आया,

राधा पेहनन लगी श्याम पहनाने लगे,
राधा पेहनन लगी श्याम पहनाने लगे,
राधा ने हाथ बढ़ाया श्याम चूड़ी बेचने आया,
छलिया का भेष बनाया श्याम चूड़ी बेचने आया,

राधा कहने लगी तुम हो छलिया बड़े,
राधा कहने लगी तुम हो छलिया बड़े,
धीरे से हाथ दबाया श्याम चूड़ी बेचने आया,
छलिया का भेष बनाया श्याम चूड़ी बेचने आया,

मनिहारी का भेष बनाया श्याम चूड़ी बेचने आया,
छलिया का भेष बनाया श्याम चूड़ी बेचने आया,

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